Ganga Vilas Cruise : तैरती हुई अलिसान होटल है देखे कुछ अनोखी तस्वीरें
पीएम मोदी ने वाराणसी से 3200 किलोमीटर दूर असम के डिब्रूगढ़ की यात्रा पर निकले गंगा विलास क्रूज को ऑनलाइन हरी झंडी दिखाई. यह दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज है। इस समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ और असम के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद थे। पीएम ने कहा कि समुद्र किनारे के महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों की तरह नदियों से समृद्ध राज्यों यूपी, बिहार, बंगाल, मध्य प्रदेश, बिहार आदि में भी ऐसे ही रिवर क्रूज जल्द चलाए जाएंगे, जो टूरिज्म इकोनॉमी के साथ ट्रांसपोर्ट औऱ लॉजिस्टिक को भी फायदा पहुंचाएंगे।
गंगा विलास क्रूज कि कुछ आलीशान रिहाई क तस्वीरें सामने आई है। जानेंगे कि गंगा विलास रिवर क्रूज में क्या सब व्यवस्थाएं है यह क्रूज किसी आलीशान 5 स्टार होटल से कम नहीं है। मानव तैरती हुई एक 5 स्टार होटल है। क्रूज़ के रूम यानी स्यूट्स 5 स्टार होटल जैसे हैं। कमरे में सभी सुख सुविधाएं हैं। इसमें तकिये से लेकर गलीचे तक देश के ही अलग-अलग जगह से मंगाए गए हैं। अध्ययन के लिए यहां स्टडी टेबल हैं। टीवी के अलावा किताबें रखी गई हैं। कमरे के दरवाजे पर एक मैप बनाया गया है। कमरे से रिवर व्यू बहुत सुंदर दिखाई देता है. कोई भी अपने कमरे से कभी भी बाहर का आकर्षक नजारा देख सकता है।
पांच राज्यों और बांग्लादेश की 51 दिन की यात्रा के लिये एक यात्री का किराया करीब 50-55 लाख रुपये होगा. इतनी ऊंची कीमत के बावजूद इस क्रूज पर सफर करने की मंशा रखने वाले लोगों को एक साल से अधिक समय तक इंतजार करना होगा. इसकी वजह यह है कि यह क्रूज मार्च 2024 तक पहले ही बुक हो चुका है. इसका मतलब है कि एमवी गंगा विलास क्रूज से वाराणसी-डिब्रूगढ़ का सफर तय करने के लिए किसी व्यक्ति को अप्रैल 2024 तक इंतजार करना होगा. नई बुकिंग अगले साल अप्रैल से ही उपलब्ध है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाई क्रूज को हरी झंडी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये इस क्रूज को हरी झंडी दिखाकर 51 दिनों के लंबे सफर पर रवाना किया. इस दौरान यह क्रूज भारत के पांच राज्यों और बांग्लादेश के जल-क्षेत्रों से होकर असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा. गंगा विलास क्रूज के पहले सफर पर 32 विदेशी पर्यटक रवाना हुए हैं. इस क्रूज का परिचालन करने वाली कंपनी अंतरा लग्जरी रिवर क्रूजेज की उपाध्यक्ष सौदामिनी माथुर ने कहा कि दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज पर डिब्रूगढ़ तक का एक यात्री का किराया 50 लाख से लेकर 55 लाख रुपये होगा.
क्रूज की मार्च 2024 तक सीटें पूरी तरह बुक
उन्होंने कहा कि मार्च 2024 तक सीटें पूरी तरह बुक हो चुकी हैं और उसके बाद की ही बुकिंग उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि पहले से बुकिंग कराने वाले ज्यादातर यात्री अमेरिका और यूरोपीय देशों के हैं. माथुर ने बताया कि देश में बने इस पहले क्रूज जहाज में यात्रियों को स्थानीय भोजन और मौसमी सब्जियां ही परोसी जाएंगी. कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी राज सिंह ने कहा कि क्रूज पर पूरी तरह शाकाहारी भोजन ही परोसा जाएगा. इसके अलावा किसी भी तरह का अल्कोहल भी नहीं परोसा जाएगा.
इस क्रूज की कमान 35 साल का अनुभव रखने वाले कैप्टन महादेव नाइक के पास है. चालक दल में कुल 39 सदस्य तैनात हैं.गंगा विलास क्रूज के पहले सफर के यात्री नेगार क्रीगर ने गंगा नदी से होकर सफर करने को अपने लिए बेहद खास अनुभव बताते हुए कहा, ‘यह जिंदगी में एक बार होने वाला अनुभव है, इससे वंचित नहीं रहा जा सकता है।
थॉमिएन क्रिस्टियन की भी कुछ ऐसी ही राय है. स्विट्जरलैंड के क्रिस्टियन ने कहा, ‘इस क्रूज पर सब कुछ शानदार है.’ अपनी लंबी यात्रा में यह क्रूज विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों से होकर गुजरेगा. यात्री बिहार योग विद्यालय और विक्रमशिला विश्वविद्यालय भी जाएंगे.
62 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा है क्रूज
एमवी गंगा विलास पोत 62 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा है और आराम से 1.4 मीटर के ड्राफ्ट के साथ चलता है. सभी 18 सुइट में बड़ी-बड़ी खिड़कियां हैं, जहां से नदी का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है।